महामना मालवीय इण्टर कॉलेज, बच्छांव, वाराणसी ....एक दृष्टि.....
नवीनतम समाचार/ घोषणाएँ
महामना मालवीय इण्टर कॉलेज के बारे में
पुण्य सलिला सुरसरि के पावन तट पर अवस्थित पापनाशी काशी की सर्व विद्या की राजधानी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सन्निकट बच्छाँव गाँव की अमर बेल जिसे हमारे पूर्वजों ने अपने खून पसीने से सिंचित कर संवारा और सजाया है। आज वही इस ग्रामीणांचल में अपनी कीर्ति को चारो तरफ विखेर रहा है। इसके पीछे जिन आदित, यशस्वी, ऊँची सोच रखने वाले लोगों ने जो त्याग और बलिदान करके पहले आश्रम पध्दति के अनुकूल वृक्ष की छाया में जमीन पर बैठाकर शिक्षण शुरु कर मड़ई लगाया, पुनः इस कार्य को सजीवता प्रदान करते हुए खपरैल का रुप देकर (1961) से शुरुआत कर निरन्तर नवीन स्वरुप प्रदान करते हुए (1966) में जू. हाईस्कूल की मान्यता लेकर सतत् भागीरथ प्रयास करते-करते (1967) में हाईस्कूल साहि. वर्ग (1968) में हाईस्कूल विज्ञान वर्ग, (1980) में इण्टर साहि. वर्ग (1989) में इण्टर विज्ञान वर्ग तवा (2019) में इण्टर कृषि वर्ग की स्ववित्तपोषित मान्यता लेते हुए, भव्य इमारत का रुप प्रदान करते हुए विद्या प्रदायिनी माँ सरस्वती की कृपा से यह विद्या मंदिर ठाट खड़ा किया। जो महामना के सपनों के कुछ अंश को साकार कर रहा है।
विद्यालय में उपलब्ध सुविधाएँ
महामना मालवीय इण्टर कॉलेज- शैक्षिक गतिविधियों से परे
सरकार द्वारा प्राप्त विभिन्न योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्यवन (जैसे- कक्षा 6-8 तक विद्यार्थियों के लिए मिड डे मील, निःशुल्क किताब, ड्रेस, बैग) एवं सभी कक्षाओं में छात्रवृत्ति आदि।
प्रत्येक कक्षा में प्रथम द्वितीय स्थान आने वाले छात्रों को व खेलकूद, स्काउट और गाइड, सांस्कृतिक प्रतियोगिता में भी उत्कृष्ट छात्र/छात्राओं को गणतंत्र दिवस पर पुरस्कृत व सम्मानित किया जाता है।
स्काउट व गाइड की पूर्ण व्यवस्था प्रदत्त की जाती है। शिविर और प्रशिक्षण दिलाया जाता है। स्काउट गाइड में उत्कृष्ट छात्र/छात्राओं को गणतंत्र दिवस पर पुरस्कृत किया जाता है।
खेल-कूद के लिये उचित मैदान और खेल सामग्री, खेल प्रशिक्षक उपलब्ध हैं। स्काउट व गाइड की पूर्ण व्यवस्था प्रदत्त की जाती है। शिविर और प्रशिक्षण दिलाया जाता है।
प्रधानाचार्य की लेखनी से..........
आज जब मैने अपनी लेखनी उठाई तो मुझे तुरन्त उन विद्यार्थियों का ध्यान आया जो प्रायः अपनी स्मरण शक्ति को लेकर व्यथित रहते हैं और सदैव एक ही शिकायत किया करते हैं कि हम जो भी याद करते हैं, भूल जाते हैं।
स्मरणशक्ति मानवीय मस्तिक की एक ऐसी अद्भुत क्षमता है जिसके आधार पर व्यक्ति सीखता है, अनुभव प्राप्त करता है और स्वयं के विकास के लिए प्रयास करता है। किन्तु आज की भाग-दौड़ से भरी जिन्दगी मे हर किसी को लगता है कि उसकी याददाश्त कमजोर पड़ती जा रही है फिर चाहे वह विद्यार्थी हो या नौकरीपेशा व्यक्ति या फिर घर में रहने वाला व्यक्ति ही हो। याददाश्त में कमी के कारण हर किसी के कार्य प्रभावित होते हैं।स्मरण शक्ति के कम होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- पर्याप्त नींद न लेना, यकान, तनाव आदि। कभी-कभी तो कार्य का बहुत दबाव होना भी हमारी स्मृति क्षमता को प्रभावित करता है। कई कार्यों को एक साथ करने से भी व्यक्ति की एकाग्रता भंग होती है और उसकी याददाश्त में कमी आती है।
डॉ. चन्द्रमणी सिंह
प्रधानाचार्य
महामना मालवीय इण्टर कालेज बच्छाँव, वाराणसी
शिक्षण व्यवस्था
- विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद-उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद के अनुरूप है।
- कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा प्रभावी ढंग से चलायी जाती है, जिससे छात्रों का बहुआयामी विकास हो।
- इण्टर – मानविकी तथा वैज्ञानिक वर्ग में (गणित एवं जीव विज्ञान) एवं कृषि वर्ग चलाया जाता है।
- आवश्यकतानुसार भाषायी प्रयोग की उन्नति के लिये अंग्रेजी का प्रयोग भी किया जाता है।
प्रवेश सम्बन्धी नियम
- कक्षा 6 - राजकीय या मान्यता प्राप्त विद्यालय से कक्षा 5 उत्तीर्ण छात्रों का प्रवेश लिया जाता है तथा 1 जुलाई 2024 को न्यूनतम आयु 10 वर्ष होनी चाहिये ।
- कक्षा 9 - राजकीय या मान्यता प्राप्त विद्यालय से कक्षा 8 उत्तीर्ण छात्रों का प्रवेश लिया जाता है तथा 1 जुलाई 2024 को न्यूनतम आयु 13 वर्ष होनी चाहिये ।
- कक्षा 11- राजकीय या मान्यता प्राप्त विद्यालय से कक्षा 10 उत्तीर्ण छात्रों का प्रवेश लिया जाता है तथा 1 जुलाई 2024 को न्यूनतम आयु 15 होनी चाहिये।
हमारे विद्यालय की एक झलक
विद्यालय उत्सवों की झलकियां: हर्ष और उल्लास के अनमोल पल।